हेलो मायड़ भासा रो

Reg. No. - COOP/2022/Jodhpur/203380

आपणी भासा को विलूप्त होने से

बचाने के लिए अनुदान करें

आपणे बारें में

राम राम सा !

खम्मा घणी !

थे सिध ‌हो?

राजस्थान रै मोटियारां रै हक सारू संघर्ष करणो

राजस्थानी भासा नै मानतां दिरावण सारू प्रयास अर इणी मुहिम नै जन आंदोलन रौ रूप देवण सारू आमजन नै जोङणी जिण सारू जनता, व्यक्तियों, निगमों अर संस्थावां सुं वस्तु अर आर्थिक रूप सुं सहयोग लैवणो तथा गैर सरकारी निकायां सुं अनुदान एवं किणी भात सहयोग प्राप्त करण सारू इणी मुहिम नै बैगी सुं बैगी लक्ष्य ताई पुगावण सारू हर संभव प्रयास करणो| किणी भी भात री संपत्ति बैचनी अर लैवणी अर राजस्थानी भासा सारू समिति रा उदेश्यौ नै आगै लेजावण सारू संधारित करणी, हर घणी ऐङा काज करणा जका राजस्थानी युवां समिति रा खास लक्ष्यराजस्थानी भासा नै मानतांदिरावण रा उद्देश्यों नै आगै बढावण सारू जरूरी समझा जावै, चावै वै किणी भात उपयुक्त ताकत सुं जड़ौड़ा होवै या नी होवै |

सागै ही साहित्य एवं संस्कृति रै विकास एवं संरक्षण सारू प्रयास करणौसाहित्यिक सम्मेलनविचार संगोष्ठीयांपरिसंवादरचनापाठ,रचना शिविरप्रदर्शनियांअन्त: प्रादेशिक साहित्यकार बंधुत्व यात्राएंभाषणमाळा एंव साहित्य,भासा अर संस्कृति रै प्रचारप्रसार सारू आयोजन करणा 

राजस्थानी भाषा भारत के उत्तरपश्चिमी भाग में स्थित राजस्थान राज्य की आधिकारिक भाषा है। यह भाषा उत्तरी भारत के अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश में भी बोली जाती है। राजस्थानी भाषा का विकास दक्षिण एशिया में हुए आर्यों के प्रवास के बाद से होता रहा है और यह एक बहुत समृद्ध और रंगीन भाषा है जिसमें विभिन्न रंग, संस्कृति और ऐतिहासिक घटनाओं का प्रतिबिंब होता है।

राजस्थानी युवा समिति राजस्थान रे मोटियारां, युवावां रो एक समुह है जको राजस्थानी नै राज री आधिकारिक भाषा बणावण सारूं अेकण साथै आय ऊभा है | राजस्थान री अणूती लूंठी सांस्कृतिक विरासत अर गरबीलो इतियास रैयो है, अर इणरी आ घरघराऊ मीठी बोली प्रदेश ई नयि आखै जगत रै राजस्थानियां नै व्हाली लागै, राजस्थान रा लोक गायक, बॉलीवुड री फिल्मां, OTT अर दूजा प्लेटफार्मां रै मारफत इण संस्कृति नै बधावै अर भाषा री मिठास नै खलक मुलक तांई पुगावै। 

राजस्थानी भाषा जकी, परवासीयां री बोलियां रै साथै ई, अखै देश अर दुनिया री सें सूं मोकळी बोलीजण आळी भाषा हूवतां थकां भी, परदेस री अधिकारिक भाषा रै तौर माथै मान्यता नि मिळी। इण चिंता रै निवारण सारूं, राजस्थानी यूवा समिति री थापना साल २०२२ में करीजी अर आ समिति आपरी मायड़ नै उणरौ मान दिरावण खातर, इण बात ने लेय’र लोगां नै जागरूक करण रा अथक परयास कर रैयी है। 

लारलै बरसां में साहित्यिक सम्मेलन, विचार नेतृत्व सेमीनार, क्षेत्रीय संगोष्ठीयां, भाषा रचना सत्र, समुह शिविर, प्रदर्शनियां, अंतर-क्षेत्रीय साहित्यकारां रा उत्सव, भाईचारा रा दौरा, भाषण श्रृंखलावां अर राज्य अर केन्द्र सरकार रा घणकरा अफसरां साथै बैठकां रौ आयोजन करीयो है। समिति नै लाखूं युवावां रो अणूंतौ समर्थन मिळीयो है अर लगै-टगै __ मोटीयार राजस्थानी रौ सोशल मीडिया माथै परचार अर परसार कर रैया है। अक्सर, समिति री पहल समचारां अर पोस्ट रै रुप में ट्विटर अर गूगल जेड़ै सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म माथै ट्रेंड करती रेवै।